Administration is kind to the VIPs of the city

शहर के वीआईपीज पर प्रशासन मेहरबान, लुटा रहा करोड़ों, देखें कहां लुटाई जा  रही रकम

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Administration is kind to the VIPs of the city

अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा

चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन भले ही कितनी आर्थिक तंगी से गुजर रहा हो लेकिन बेकार व गैर जरूरी खर्चा करने में वह पीछे नहीं है। हाल ही में प्रशासन के विभिन्न महकमों की ओर से लगाए गए टैंडरों में सामने आया है कि प्रशासन बेधडक़ होकर जरूरत पर नहीं बल्कि विलासिता पर पैसा लुटा रहा है। वह भी आम आदमी के लिए नहीं बल्कि वीआईपी अफसरों व राजनीतिज्ञों को खुश करने के लिए।

प्रशासन ने हाल ही में जो टैंडर निकाले हैं उसमें पंजाब राजभवन की बाऊंड्री वॉल पर बड़ा खर्चा करने की योजना है। राजभवन की दीवार पर प्रशासन 1 करोड़, 39 लाख, 23 हजार 260 रुपये की बड़ी रकम खर्च करने जा रहा है। वह भी तब जब उस दीवार का ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ा है। कुछ अफसरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दीवार पूरी तरह से ठीकठाक है, बावजूद इसके इतनी बड़ी राशि खर्च की जा रही है। इस तरह के टैंडर निकालने से पहले यह तो देखना चाहिए कि यह सिर्फ राज्यपाल या प्रशासक को खुश करने के लिए काम किया जा रहा है, या वास्तविकता में इसे किये जाने की भी जरूरत है? इतना ही नहीं सेक्टर 16 में एक अधिकारी के मकान पर 75 हजार रुपये की फैंसी लाइट्स लगाई जा रही हैं। इसका भी टैंडर जारी किया गया है। सेक्टर 16 व सेक्टर 24 में वीआईपी मकानों पर जिनमें ज्यादातर आईएएस रहते हैं, की प्लांटेशन व लैंडस्केपिंग पर भी करीब 10 लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है। सेक्टर 16 में प्लांटेशन व लैंडस्केपिंग पर 5 लाख 59 हजार जबकि सेक्टर 24 में 4 लाख 18 हजार 900 की रकम खर्च की जानी है। इसके भी टैंडर लगाए गए हैं।

यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि प्रशासन आम जनता से जुड़े काम छोडक़र वीआईपी के ऊपर पैसा खर्च करने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। सेक्टर 24 व अन्य सेक्टरों में जजों के मकानों पर भी प्रशासन ने खुल कर मेहरबानी की थी और जनता की कमाई की बड़ी मोटी रकम इनके मकानों पर खर्च की थी। आम सरकारी कर्मचारी के मकान पर खर्चे करने में प्रशासन का यह हाल था कि एक मकान की मरम्मत पर महज 3 सा 5 हजार रुपये ही खर्च किये गए थे। इतना ही नहीं सेक्टर 7 में चंडीगढ़ के एक प्रशासनिक अफसर के घर पर फूल लगाने पर ही 75 हजार रुपये की रकम खर्च कर दी गई।  एक विभाग ने तो और भी बड़ा कमाल किया है झाडिय़ा काटने के लिए 2.50 करोड़ के टेंडर लगा दिए।